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Hindi shayri latest 2022

ना वो बेवफा ना मैने 
उसके साथ की बेवफाई थी ,,

फिर खुदा क्यों हमारी
 किस्मत में ही जुदाई थी,,

गुनाह किया था या ये 
करने में कोई मनाई थी,,

जमाने ने हमे मोहब्बत ना कर
 ये बाते भी दिखाई थी,,

पर देखो हमने भी ईश्क किया 
क्योंकि हमारी जिद पर बन आई थीं,,

यकीन मानो सुकून सा है मोहब्बत करके 
हमने ये बाते कई लोगो को बार बार बताई थी,,

पर ना जाने क्यों हम दोनों के 
जुदा रहने में ही भलाई थी,,

किस्मत माने या ख़ुद के कर्म 
शायद यही ऊपर वाले की खुदाई थी,,

लैला मजनू के जैसे लाखों किस्से सुने थे 
पर जब खुद पे आई तो एहसास हुआ,, 

 की शायरों की बात में ही सच्चाई थी..




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