Hindi best sad shayri poetry latest 2023
ज़माने भर में खुद को मैंने कुछ इस तरह ही दिखाया है ,,
जैसे किसी से फरक नही पड़ता खुद को मैंने कुछ इस तरह ही बनाया है,,
अब किसी को क्या बताओ कि मैने खोया क्या है,,
किसी को क्या समझाओ कि मैने संजोया क्या है,,
इस तरह हथेली पे दिल सा रखके बैठे है,,
कही इसे ठोकर ना लगजाए इसलिए तन्हा रहते है,,
कोई हम पे हस्ता है तो कोई हमारी बातो पे पर एक सुकून सा है,,
चाहे बहुत बुरे ही है हम पर सबको हंसाने का एक जुनून सा है,,
मानो या ना मानो खुश रह के भी गम में खूब जाती हूं,,
कहीं आप वापिस मिल जाए मुझे इसी उम्मीद में डूब जाती हूं..
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