hindi dukh bhari shayri sad poetry latest 2022
अकसर अपने ही विशवास तोड़के चले जाते हैं,, यह दौर ही है जो फिर से दोहराए जाते हैं,,
मां बाप के सब ख़्वाब तिनकों में बिखराए जाते है,,
कई बार बच्चो की गलती न होने पर भी लोगो के डर से,, न जाने क्यों मां बाप बच्चो से सारे रिश्ते तोड़ जाते है,,
एक मां बाप ही है जो छोटी सी खुशी के लिए भी सब कुछ कर जाते हैं,,
पता नही वही कई बार सबसे बड़ी खुशी को नकार जाते है,, ये हादसे की वजह से दोनो ही एक दूसरे से बिछड़ जाते है,,
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